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सपनों से जहां नहीं बनता ये सच है सपनों से जहां नहीं बनता ये सच है
तू ना होती तो इस धरा पर जीवन का होना ना मुमकिन होता। तू ना होती तो इस धरा पर जीवन का होना ना मुमकिन होता।
अधूरी ख्वाहिशें अक़्सर देती हैं इस मन को त्रास, ज़िन्दगी असल में बस मांगे वही रोटी के दो ग्रास। मा... अधूरी ख्वाहिशें अक़्सर देती हैं इस मन को त्रास, ज़िन्दगी असल में बस मांगे वही र...
मातृभूमि का ऋण आज मुझे भी चुकाना है, ऐ मेरे फौजी भाई तुझे आज गले से लगाना है... ऐसी ही सम्मान और आदर... मातृभूमि का ऋण आज मुझे भी चुकाना है, ऐ मेरे फौजी भाई तुझे आज गले से लगाना है... ...