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बरसात की गोद में भिगो जाती है धरा, आँचल बनकर समेट लेती है सबको। बरसात की गोद में भिगो जाती है धरा, आँचल बनकर समेट लेती है सबको।
जब खुशियों का समंदर हमें अपनी लहरों से झकझोर देता है। जब खुशियों का समंदर हमें अपनी लहरों से झकझोर देता है।
अब कल कोई और था आज कोई और है, एक वो दौर था, एक ये दौर है। अब कल कोई और था आज कोई और है, एक वो दौर था, एक ये दौर है।