समाज में संवेदनहीनता लगातार बढ़ती जा रही है। अस्पतालों में, पुलिस के थानों में, किसी सरकारी दफ्तर में या कहीं भी आप जाएं और संवेदनहीनता से दो-चार न हों, यह आज की भागमभाग भरी जिंदगी में संभव ही नहीं है। हमारे समाज में लगातार बढ़ रही ‘संवेदनहीनता’ के कई ऐसे ही पहलुओं पर वरिष्ठ पत्रकार केशव चतुर्वेदी से बात कर रहे हैं मीडियाभारती.नेट के संपादक धर्मेंद्र कुमार ...
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