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Swati Kumari

Others

3.8  

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तेरी मोहब्बत याद रखूंगी

तेरी मोहब्बत याद रखूंगी

4 mins
311



पहला प्यार कोई चाह कर भी नहीं भूला पाता फिर चाहे पहले ही प्यार में धोखा क्यों ना मिला हो या फिर गलत हमसफर ही क्यों ना चुन लिया गया हो । वो कहते हैं ना पहले प्यार की बात ही कुछ वैसी होती है जिसे हम चाह कर भी नहीं भुला सकते ।

ऐसी ही एक छोटी सी कहानी रोहिणी की है जो कच्ची उम्र में ही प्यार कर बैठती है। रोहिणी 12th क्लास की छात्रा होती है । वो दिखने में कुछ खास नहीं थी आम लड़कियों की ही तरह थी उसे सजना-धजना बिल्कुल पंसद नहीं था । पर वो एक इंसान के लिए जरूर सजा करती है वो था उसका प्रेमी आदित्य।

आदित्य रोहिणी से उम्र में काफी बड़ा था लेकिन रोहिणी से प्यार बहुत करता था हर रोज रोहिणी के कोचिंग जाने के रास्ते में उसका इंतजार किया करता था। और अगर किसी दिन रोहिणी ना आ पाती थी तो वो किसी ना किसी बहाने रोहिणी के घर पहुँच जाया करता था । धीरे-धीरे वक़्त बिता दोनों का प्यार ओर भी गहरा होते गया । अब दोनों में से कोई एक-दूसरे के बिना पल भर भी नहीं रह पाते थे। एक दिन अचानक इन दोनों के इश्क की कहानी रोहिणी के परिवार वालों को पता लग गई। अब रोहिणी का स्कूल, कोचिंग सभी जगह जाना बंद करा दिया गया । बेचारी रोहिणी की हालत तो ऐसी हो गई जैसे मानो बिन पानी मछली,  बेचारी के घर वालों ने उसे बहुत मारा डांटा और समझाया भी । लेकिन जब दिल किसी के प्यार में हो कहाँ किसी का सुनता है । रोहिणी किसी तरह से पढ़ाई के बहाने अपनी सबसे अच्छी दोस्त सरिता को अपने घर पढ़ाई के बहाने बुलाने लगी । और उसके ही फोन से अपने आशिक आदित्य से बात करने लगी। पर शायद बेचारी की किस्मत ही खराब थी इस बात की भनक रोहिणी के भाई को लग गई और सरिता का भी घर आना बंद हो गया । देखते-देखते ही वक़्त बीतते गया और समय आ गया रोहिणी को बोर्ड इग्जाम का अब रोहिणी के सिर पर तो आश्की का भूत सवार था जिसके कारण उसके भाई और उसके दोस्त दोनों मिलकर उसे इग्जाम सेंटर छोड़ने जाया करते और इग्जाम खत्म होने से पहले ही उसे ले जाने आ जाया करते थे । रोहिणी भी हर अपने इग्जाम सेंटर के ही बाहर मिल जाया करती थी । अब धीरे-धीरे परिवार वालों को लगने लगा कि शायद रोहिणी समझ गई है क्योंकि अब वो आदित्य से ना तो मिलने का जिद्द करती और ना ही उसके लिए अपनी माँ या भाई से झगड़ा करती थी। लेकिन रोहिणी के चहरे पर एक अलग सी मायूसी थी जो शायद आदित्य से दूर होना का था । अब सभी ने फैसला किया कि अब जब रोहिणी उस लड़के को भूला चूकी है तो हमें भी इसे माफ कर देना चाहिए और इसे आजादी देनी चाहिए । तभी अचानक रोहिणी को उल्टी होने लगी और बेचारी चक्कर खा कर नीचे जमीन पर गिर गई। डॉक्टर साहब आए चेक किए तो पता चला रोहिणी के पैर भारी हैं मतलब की रोहिणी माँ बनने वाली है । अब रोहिणी कुछ कहने की हालत में नहीं बस रोए ही जा रही भाई ने खुब मारा तब जा कर रोहिणी जो बात बताइए जिसे सुनकर सभी के होश उड़ गए । उसने कहा कि जैसे ही भाई उसे इग्जाम सेंटर पर छोड़कर जाता वो छुपके से वहाँ से निकल जाती और आदित्य से मिलने चली जाती एक दिन वो दोनों बहुत करीब आ गए और ये सब हो गया । और जब उसे समझ आया की ये सब नहीं होना चाहिए था जो भी हुआ गलत हुआ और वो आदित्य से बात करने गई तो वैसे ही आदित्य ने सारी गलती रोहिणी की ठहरा दी और अपना पलरा झाड़ लिया और उस दिन के बाद ना तो कभी उससे मिला और ना ही कभी बात किया। यह बात जानने के बाद तो रोहिणी की मानों जीना ही हराम हो गया । बेचारी रोहिणी घर छोड़कर चली गई । उस झूठे प्यार के ही सहारे सारी जिन्दगी काटने का फैसला की, रोहिणी उस बच्चे को जन्म दी और हमेशा उसे सिने से लगाकर रखी आदित्य के याद में।







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