सीख
सीख
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जो तुम्हें माँ बनना सीखना है
तो उस बिच्छुनी से सीखना
जो अपने बच्चों की भूख मिटाने
उन्हें अपनी देह से चिपका लेती है
और वे उसे कण-कण चुन लेते हैं
इसी में सदगति पा लेती है वह
माँ बनना कभी किसी सर्पिणी से नहीं सीखना
कि जो अपनी भूख मिटाने
अपने बच्चों को ही खा लेती है!
कि जो तुम्हें माँ बनना सीखना है
तो उस गौरैया से सीखना
जो खेत से लेकर एक दाना
उड़ती हुई आती है अपने नीड़ पर
और खुद न खा
बच्चे की चोंच में डाल देती है
माँ बनना कभी किसी आधुनिक स्त्री से नहीं सीखना
जो झंझट से बचने अक्सर गर्भपात कराती है
यौवन के रक्षार्थ बच्चे को कभी स्तनपान नहीं कराती!