चिंतन करु मैं या तुमको नमन मैं
चिंतन करु मैं या तुमको नमन मैं
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चिंतन करूं मैं या तुमको नमन मैं
ध्यान में मेरे गुरुदेव तुम हो
तुम्हारी छवि को बसाया है मन में
मेरी आत्मा में तुम ही बसे हो।
अंधियारी गलियों से तुमने निकाला
उजली किरण की पहचान तुम हो
सरल और सच्चा रास्ता दिखाया
सूरज सा चमके वो ज्ञान तुम हो।
मेरी आत्मा में तुम ही बसे हो
चिंतन करूं मैं या तुमको नमन मैं।
तुम्हारी शरण में आकर है पाया
दर्दों का मरहम दवा वो तुम्हीं हो
भटके थे हम तो तुम्हीं ने संभाला।
अर्पण ये जीवन वरदान तुम हो
मेरी आत्मा में तुम्हीं बसे हो
चिंतन करूं मैं या तुमको नमन मैं।
पाई है हमने छाया तुम्हारी
प्रभु की है हम पर कृपा वो तुम्हीं हो
कण कण ये मेरा पूजे है तुमको
साँसों पे अंतिम अधिकार तुम हो।
चिंतन करूं मैं या तुमको नमन मैं
ध्यान में मेरे गुरुदेव तुम हो।