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नज़्म

नज़्म

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माँ  के कदमो में ज़न्नत है

जो भी दौलत-शौहरत है 
माँ के कदमों  की बरक़त है

माँ का नाम मोहब्बत है
सब धर्मो का सार यही है
माँ के कदमो में ज़न्नत है।

माँ के कदमो में ज़न्नत है

जो भी दौलत-शौहरत है 
माँ के कदमो की बरक़त है
माँ का नाम मोहब्बत है
सब धर्मो का सार यही है
माँ के कदमो में ज़न्नत है।।

माँ ही गंगा माँ ही यमुना
माँ से बढ़कर और कोई न 
माँ के दिल में सारी दुनियां
माँ ईश्वर की मूरत है।
माँ के कदमों में ज़न्नत है।।

सब धर्मों का सार यही है
जीवन का आधार यही है
प्यार-प्यार और प्यार यही है
माँ इन्सान की किस्मत है।
माँ के कदमो में ज़न्नत है।।

मन्दिर-मस्ज़िद और गुरुद्वारा
भूल जाईये इन्हें ख़ुदारा
याद रखो माँ नाम है प्यारा 

 


माँ ही गंगा माँ ही यमुना

माँ से बढ़कर और कोई न 
माँ के दिल में सारी दुनिया 
माँ ईश्वर की मूरत है।
माँ के कदमों में ज़न्नत है।

सब धर्मों का सार यही है
जीवन का आधार यही है
प्यार-प्यार और प्यार यही है
माँ इन्सान की किस्मत है।
माँ के कदमो में ज़न्नत है।।

मन्दिर-मस्ज़िद और गुरुद्वारा
भूल जाइये इन्हें ख़ुदारा
याद रखो माँ नाम है प्यारा
माँ पूजा है और चाहत है।
माँ के कदमो में ज़न्नत है।

जिसके सर पर माँ का साया
उस मानव ने सब कुछ पाया
माँ में ईश्वर आप समाया
माँ भगवान की नैमत है
माँ के कदमों में ज़न्नत है।

जिसने माँ का ह्रदय दुखाया 
उसकी ममता को बिसराया
भूले से भी अगर रुलाया
उस मानव का दुनिया में

लेना जन्म अकारथ है।
माँ के क़दमों में ज़न्नत है 


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