Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

हिन्दी हूँ मैं...

हिन्दी हूँ मैं...

1 min
13.5K


मैं हूँ हिंदी, हिंदी है मुझमे

रोम-रोम में, मन चितवन में

प्राण-प्राण में, आभा के उपवन में

मैं उसमे होकर जीता हूँ,

वो मेरे कलम में जीती रहती है

उसके लिए मैं लहू जलाऊ

वो स्याही को पीती रहती है

हिंदी है सिर्फ मुझमे ही नहीं

वो तो तुझमे है

तुझमे, तुझमे और हम सबमे है

कभी इधर-उधर कभी यहाँ-वहाँ

कभी डाल-डाल कभी चली पात-पात

पटरी पर दौड़े खटर-खटर

तेली के मुझ में चटर-चटर

धोबी के कपड़ो में छप-छप

व्यास जी के पन्नो में धन्य-धन्य

बागों में है खलिहानों में है

झोपड़ी से निकले ऊँचे मकानों में है

हिरनों के संग मैं दौड़ लगाऊ

कछुए को धैर्य का पाठ पढ़ाऊ

बच्चों की किलकारी में हूँ

चंदा मामा का भी दायित्व निभाऊ

मैं हिंदी थी जो नाची कृष्ण के संग मधुबन में

मैं ही थी रुक्मिणी के प्रेम विभाजन में

मैं अर्थ निरर्थक बातों में हूँ

मैं हूँ ज्ञानियों के कंठ और वाणी के बरतो में

कभी कबीरा मुझे गाए

मीरा भी भजन में मुझे सुनाए

सूरदास के पदों से लेकर

निराला छंदों में मुझे गुनगुनाए

इसलिये मैं गर्व से कहती हूं

संपूर्ण जीवन हूँ मैं

मैं हूँ हिंदी, हिंदी है मुझमे


Rate this content
Log in