माँ
माँ
हे माँ तू हम सब पे भारी
और हम तेरे आभारी है।
तुम सबकी आँखों का तारा
संसार तुम्हीं से है सारा।
गीता का उपदेश हो तुम
रामायण की चौपाई तुम
तुम सुप्रभात की रानी हो,
और रात की रानी भी हो तुम।
देवो के देव का ताज हो तुम
और ईश्वर रूप धरा पे तुम।
हे माँ तू ।।
सारे जग की जननी हो तुम
और सात जन्म का रिश्ता तुम।
अंश वंश दोनोको धरती पर दिखलाती हो तुम।
तुम पूजनीय हो दर्शनीय हो।
सबसे उच्च शिखर पर तुम
माँ तुझे में सारे धर्म है
और सारे तीर्थ तुझसे है
हे माँ तू हम सब पर भारी।
इस रिश्ते में है अर्थ
अर्थ ना स्वार्थ कभी भी छलका है
हम रोते है वो हंसती है
जब जन्म हमारा होता है
तुम सबकी जीवन रेखा
तुम आधार कार्ड हो तुम तुम।
चैतन्य शक्ति हो शिव की तुम।
नवदुर्गा भक्ति भी हो तुम
हे मा तू हम सभ पर भारी
हर क्रोध में आसूं की झोली
और लोभ मे लझमण रेखा तुम