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AMBROSE CHETTIAR

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AMBROSE CHETTIAR

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माय

माय

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माय ती माय 

तिले उपमा ती काय

साधी भोळी प्रेमळ

वाघा सामोरी जाय |


माय ती माय

तिले आकाशाचे काय

काटेरी वाटेवर बनते 

लेकराचे पाय |


माय ती माय

पूर्ण समजेल काय

सृष्टीकर्ता तोषविण्या

शक्ती रूपिणी जाय |


माय ती माय 

खरी दुधावरची साय 

लेकरास धरी सावली 

आपण चटके खाय |


माय ती माय

तिच्या थोरवीस गाय

बिबट्यास आणि रडू 

धरी माऊलीचे पाय ।


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