ये लम्बी रातें और इनमें होती वो बेशुमार बातें, और दोनों को तकते ये लम्बी रातें और इनमें होती वो बेशुमार बातें, और दोनों को तकते
सोचता हु ज़माने की परवाह क्यू करे हम जब ज़माना खुद बेफिक्र है उन हादसों से अच्छे बुरे लम्हों से तो हम... सोचता हु ज़माने की परवाह क्यू करे हम जब ज़माना खुद बेफिक्र है उन हादसों से अच्छे ...