लेखक : राजगुरू द. आगरकर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : राजगुरू द. आगरकर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
लेकिन गांधीजी कहते हैं मैं तो अहिंसा वादी हूं तलवार नहीं चलाता चरखा चलाता हूं । लेकिन गांधीजी कहते हैं मैं तो अहिंसा वादी हूं तलवार नहीं चलाता चरखा चलाता हूं ।