जिंदगी का कारवाँ चल पड़ा था मंजिल अब दूसरों की जिंदगी में नई उम्मीद भरना। जिंदगी का कारवाँ चल पड़ा था मंजिल अब दूसरों की जिंदगी में नई उम्मीद भरना।
एक दिन तो हद ही हो गयी जब सब्ज़ी कच्ची रह जाने पर सास ने पार्वती के हाथ कोहनियों तक जलते चूल्हे में द... एक दिन तो हद ही हो गयी जब सब्ज़ी कच्ची रह जाने पर सास ने पार्वती के हाथ कोहनियों ...