कुर्सी पर वह नहीं उसके पिता का साँचा रखा है, वह पिघल रहा है और पिघलकर पिता के साँचे में ढलता जा रहा ... कुर्सी पर वह नहीं उसके पिता का साँचा रखा है, वह पिघल रहा है और पिघलकर पिता के सा...