फिर मैंने नाजुक से पंख पकड़कर छोड़ आयी उसके फूलों कि वादियों में वो पंख पसारे फिर मैंने नाजुक से पंख पकड़कर छोड़ आयी उसके फूलों कि वादियों में वो पंख पसारे