आज रिश्तो का ढाँचा पूरी तरह से बदल रहा है जो कि सरासर गलत और बेहूदा है आज रिश्तो का ढाँचा पूरी तरह से बदल रहा है जो कि सरासर गलत और बेहूदा है
माँ,विभोर हो बोली- "ऐसे ही राम-लक्ष्मण बन सदा रहना।" माँ,विभोर हो बोली- "ऐसे ही राम-लक्ष्मण बन सदा रहना।"