तीसरे दिन तो और भी बुरा हाल हो गया जब वो ज़ख्म का शक्ल ले लिया तीसरे दिन तो और भी बुरा हाल हो गया जब वो ज़ख्म का शक्ल ले लिया
नहीं माँ मैं सूरज के साथ जाऊँगा, इस बार मैं खुद ही उपहार ले लूँगा नहीं माँ मैं सूरज के साथ जाऊँगा, इस बार मैं खुद ही उपहार ले लूँगा