सबकी अपनी-अपनी ठंड है और ठंड दूर करने के लिए सबकी अलग अपने तरीके की रजाई होती है। संसा सबकी अपनी-अपनी ठंड है और ठंड दूर करने के लिए सबकी अलग अपने तरीके की रजाई होती है...
यूँ ही हर्फ़ बनके फिरा करूँ यूँ ही हर्फ़ बनके मिला करूँ जो गुजर रही उस धूल में तुझे कैसे अपनी सदा कहूँ यूँ ही हर्फ़ बनके फिरा करूँ यूँ ही हर्फ़ बनके मिला करूँ जो गुजर रही उस धूल में तुझ...
शादी का मतलब बंधन नहीं साथ होता है| शादी का मतलब बंधन नहीं साथ होता है|