वो देखो, इन्चार्ज साहिबा, बच्ची ने चित्र के नीचे ‘माँ’ लिखा है।” वो देखो, इन्चार्ज साहिबा, बच्ची ने चित्र के नीचे ‘माँ’ लिखा है।”
तू यतीम है!कहाँ तक कोर्ट कचहरी करेगी! जो हुआ उसे एक खूबसूरत ख्वाब समझ कर भूल जा! तू यतीम है!कहाँ तक कोर्ट कचहरी करेगी! जो हुआ उसे एक खूबसूरत ख्वाब समझ कर भूल जा!