वह शाम ना भूली मेरे जहन से आज तक, जब मैं वापस आई गुरुद्वारे से मन कर शांत। आंख कब लग गई मेरी मुझे नह... वह शाम ना भूली मेरे जहन से आज तक, जब मैं वापस आई गुरुद्वारे से मन कर शांत। आंख क...