मैने तो तुम्हें आज कहीं भी काम पर जाने को मना किया था और तुम मेरे ही यहाँ चली आई।" मैने तो तुम्हें आज कहीं भी काम पर जाने को मना किया था और तुम मेरे ही यहाँ चली आई...
दोनों भाषाओं में विचारों को व्यक्त करने का अपना अलग ही आनंद और संतोष है। दोनों भाषाओं में विचारों को व्यक्त करने का अपना अलग ही आनंद और संतोष है।