अरे, अयोध्या या तो दशरथ की, या राम की ! भरत की कैसे हुई? अरे, अयोध्या या तो दशरथ की, या राम की ! भरत की कैसे हुई?
नहीं नहीं...इसका सरकारी ख़ज़ाने से क्या लेना - देना? ये तो मेरी निजी कमाई है। नहीं नहीं...इसका सरकारी ख़ज़ाने से क्या लेना - देना? ये तो मेरी निजी कमाई है।