निशीथ निष्ठा से अपनी प्रेम की कहानी पूरी दुनिया से छिपाकर रखेगा! निशीथ निष्ठा से अपनी प्रेम की कहानी पूरी दुनिया से छिपाकर रखेगा!
कहाँ है वह पेड़? मुझे तो यहाँ कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है, निष्ठा!" कहाँ है वह पेड़? मुझे तो यहाँ कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है, निष्ठा!"
पर निशीथ का दिल कह रहा था कि वह आज जरूर आएगी। उसने अपना दिल जो उसे दे चुका था ! पर निशीथ का दिल कह रहा था कि वह आज जरूर आएगी। उसने अपना दिल जो उसे दे चुका था !