कोई इस कलम के ज़रिए अपनी मंजिल तक पहुंच जाता है कोई इस कलम के ज़रिए अपनी मंजिल तक पहुंच जाता है
जितना अधिक वह वरदान दे रहा था, उतने ही असंतुष्ट पुरुषों की संख्या बढ़ रही है जितना अधिक वह वरदान दे रहा था, उतने ही असंतुष्ट पुरुषों की संख्या बढ़ रही है