हम पैदल कच्ची गली के कीचड़,कंकड़ और उठान पर आई नालियों को लांधते-फांदते चल रहे थे। स्निग्धा गुमसुम थी।... हम पैदल कच्ची गली के कीचड़,कंकड़ और उठान पर आई नालियों को लांधते-फांदते चल रहे थे।...
अच्छा कभी जड़ो के पास की मिट्टी को छू कर महसूस किया है? अच्छा कभी जड़ो के पास की मिट्टी को छू कर महसूस किया है?