कहीं सिर्फ सोचते सोचते ही वक़्त न निकल जाये और हम बाद में हाथ मलते न रह जाएँ। कहीं सिर्फ सोचते सोचते ही वक़्त न निकल जाये और हम बाद में हाथ मलते न रह जाएँ।