जो भी हो उसे मैं अपनी कलम की पहली गुरु मानता हूँ और अपना पहला प्यार भी ! जो भी हो उसे मैं अपनी कलम की पहली गुरु मानता हूँ और अपना पहला प्यार भी !
उसने पेन नीचे रख दिया और मोबाइल उठा के भाई को फोन करने लगी। उसने पेन नीचे रख दिया और मोबाइल उठा के भाई को फोन करने लगी।
कोई इस तरह अपनी जिंदगी से मायूस होकर उम्मीद की डोर नहीं छोड़ सकता। कोई इस तरह अपनी जिंदगी से मायूस होकर उम्मीद की डोर नहीं छोड़ सकता।