र इंसान को कभी नकारत्मक के पहलू के बाद सकारत्मक का पहलू जरूर देखना चाहिए। र इंसान को कभी नकारत्मक के पहलू के बाद सकारत्मक का पहलू जरूर देखना चाहिए।