हमारी शिक्षा और हमारा मनुष्य होना तभी सार्थक है जब वह किसी का दुःख दूर कर सके... हमारी शिक्षा और हमारा मनुष्य होना तभी सार्थक है जब वह किसी का दुःख दूर कर सके...