नानकजी एक अच्छे सूफी कवि भी थे, उनकी भाषा 'बहता नीर' थी । नानकजी एक अच्छे सूफी कवि भी थे, उनकी भाषा 'बहता नीर' थी ।
दुनिया कितनी बड़ी है हमें अंदाजा है पर पता नहीं। दुनिया कितनी बड़ी है हमें अंदाजा है पर पता नहीं।