लेखक : राजगुरू द. आगरकर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : राजगुरू द. आगरकर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
उनका बस चलता तो हर घर के व्यक्ति को रोज़गार दिलवा देते . उनका बस चलता तो हर घर के व्यक्ति को रोज़गार दिलवा देते .
‘‘मैंने एक हिन्दुस्तानी होने के कारण इस संघर्ष में भाग लिया था,’’ असलम ने मिल की नज़रों से नजरें मिल... ‘‘मैंने एक हिन्दुस्तानी होने के कारण इस संघर्ष में भाग लिया था,’’ असलम ने मिल की...