मन निर्मल दर्पण की भांति है सुख शांति। मन सागर पीड़ा गोताखोर लाई कविता। मन निर्मल दर्पण की भांति है सुख शांति। मन सागर पीड़ा गोताखोर ...
और सर्वसम्बधों से प्यार करते हैं...........वह भगवान के प्रिय बनते हैं। और सर्वसम्बधों से प्यार करते हैं...........वह भगवान के प्रिय बनते हैं।