सासू माँ के उपर भी कुछ ना कुछ खर्च करती रहती है तो अब सासू माँ भी खुश है। सासू माँ के उपर भी कुछ ना कुछ खर्च करती रहती है तो अब सासू माँ भी खुश है।
अहं की आंच पर जल जाते हैं रिश्तों की नाजुक अंगुलियां। अहं की आंच पर जल जाते हैं रिश्तों की नाजुक अंगुलियां।