वह किसी तरह ललुआ तक पहुंची और उससे लिपटकर रोने लगी - बेटा वह किसी तरह ललुआ तक पहुंची और उससे लिपटकर रोने लगी - बेटा
किसी झील से शांत पड़े घर में रह - रह कर वांछनाओं की एक लहर उमड़- उमड़ कर आने लगी। किसी झील से शांत पड़े घर में रह - रह कर वांछनाओं की एक लहर उमड़- उमड़ कर आने लगी...
पगले, सुख का ये फूल तो दुख की क्यारी में ही उगा था न। मुझे मेरी मां से अलग होना था। पगले, सुख का ये फूल तो दुख की क्यारी में ही उगा था न। मुझे मेरी मां से अलग होना ...