भैया , इतने खट्टे कि हमरे दांत अभी भी खट्टे हैं ,,,,,,,, कुछ खराब भी थे पर खाते गए ,,,, भैया , इतने खट्टे कि हमरे दांत अभी भी खट्टे हैं ,,,,,,,, कुछ खराब भी थे पर खाते ...
लेखक: येव्गेनी चारुशिन अनुवाद: आ. चारुमति रामदास। लेखक: येव्गेनी चारुशिन अनुवाद: आ. चारुमति रामदास।