HARSH GUPTA

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3.7  

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ये तुम्हारी मेरी कहानी या कुछ

ये तुम्हारी मेरी कहानी या कुछ

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 ये तुम्हारी मेरी कहानी या कुछ और भी 



जब मैं तुमसे पहली बार सड़क पे मिला था तो मुझे बिलकुल भी अंदाज़ा नहीं था कि तुम मेरी ज़िन्दगी बन जाओगी, तुम बहुत ही सधारण सी लड़की थी मेरे जैसे लड़के के लिए, जो बिलकुल मस्त मौला बंदा था,जो हँसता था और लोगो को हँसाता रहता था,मैं तुम्हारे घर के बाहर एक पता ढूंढ रह था Iतुम अपनी बालकनी मे खड़ी थी ,मैंंने तुमसे पता पूछा इशारो में,तुम सीढ़ियो से नीचे आई और मुझे पता बताया, तुम्हारे बाल तुम्हारे सर के पीछे बन्धे हुए थे, तुमने ग्रे कलर की टी शर्ट और काला पजामा पहना हुआ था।

तुमने कभी मुझसे ज़िन्दगी भर साथ रहने को नहीं कहा,पर जो भी तुमने मेरे लिए किया, अपने घर वालों के खिलाफ जाना उनसे मेरे लिए लड़ाई करना, मेरे लिए कुछ ऐसा एहसास था जिसे मैंं कभी नहीं भुला सकता था,तुम्हारी मेरी मीठी-मीठी यादों की जो पूरी पोठरी मेरे अस पास घूमती सी रहती है, हिन्दू में एक रीती रिवाज़ होता है करवाचौथ, जिसमे एक पत्नी अपने पति की लम्बी उम्र के लिए एक दिन उपवास ररखती है, हम शादी शुदा नहीं थे उसके बाद भी मेरे लिए हर साल वो फ़ास्ट रखना मेरे लिए सम्मान था, एक वादा था मेरा तुमसे कि चाहे कैसे भी परिस्थति हो , चाहे कुछ भी हो जाये मैंं तुम्हारा साथ नहीं छोदूंगा,चाहे कुछ भी हो जाये ये हाथ मैंंने थामा है, ये हाथ नहीं छोड़ूगा। आई लव यू।

मैंंने अपने आप को पूरी तरह से बदला दिया था, मेरा ज़िन्दगी के लिए नजरिया मेरा सोचने का तरीका मेरे जीवन का लक्ष्य, मेरे खाने का तरीका,मेरा रुखा सा सवभाव, मैंंने लड़कियों के साथ बातें तक करना तक छोड़ दिया था, क्या ये प्यार जैसा कुछ एहसास था, या बस मेरा फितूर।हां लड़कियों से बातें करना छोड़ना थोड़ा शॉकिंग था । मतलब कोई लड़का ऐसा कैसे कर सकता है अपनी लाइफ में, मेरा कपड़े पहने का तरीका, ये कुछ ऐसा एहसास था मानो लगता हो कि मैं गलियों का शाहरुख़ खान बन गया हूँ ।मैं बस एक बात जनता था, चाहे कुछ हो जाये बस तुम्हें खुश कर दूं , बस तुम्हारे चेहरे बस एक मुस्कान ला दूं, लगता कि मेरे पूरे दिन कि थकान मिट जाती , जब रात को बस २ मिनट के लिए तुम्हे देखने आता था तुम्हारी गली, और हॉर्न बजा के तुम्हें इशारा करता था बाहर आने का, और तुम बाहर अपने बाल ठीक करते हुए बहार आती, बस मैं तुम्हें देखता रहता, तुम्हारी मेरी आँखे मिलतीं और मेरी सारी बातें तुमसे हो जाती, तुम घर के फर्स्ट फ्लोर पे खड़ी होती और मैं नीचे स्कूटी पे बैठा होता, और बस हमरी इशारो में बातें स्टार्ट हो जाती, बस फिर कोई देख ना ले, जल्दी से भागना पड़ता था मुझे| फिर सुबह ४ बजने का इंतज़ार करना, सुबह सुबह घर से दौड़ने के बहाने निकलना, और फिर तुम्हें देखने आना, मैं हमेशा जल्दी से बाहर छुप के खड़ा हो जाता तुम्हारे घर के, कि कहीं कोई मुझे देख ना ले, तुम बाहर अंगड़ाई लेती हुई आती । तुम्हें ऐसे चुपके से देखने के लिए मैं एक सुबह क्या हर सुबह आने को अपनी ज़िन्दगी बिता दूं,और फिर से हमारी इशारों मैं बातें शुरू हो जातीं , बातों से ज्यादा मेरा ध्यान बस तुम्हें देखने मैं लगा रहता था।

मैंंने हमेशा से अपने दिल कि सुनी, जो मेरे लिए सबसे ज्यादा जरुरी बात थी।  पर पता नहीं

अचानक से क्या हुआ, बिना किसी सी कारण के ऐसा मुझे लगता है, क्यूंकि हमारे बीच की चीज़ें बिलकुल अच्छी चल रही थीं,पता नहीं क्यों तुम मेरे साथ ऐसे रूखी सी होने लगी, पंजाबी में इसे कहते हैं ओखी होना, पता नहीं क्यों तुम मुझसे ओखी होने लगी ,और जब मैंंने थोड़ा पता किया तो तुम मुझसे किसी दूसरे लड़के के लिए झूठ बोलने लग गयी थी। हां मैं जानता हूं कि तुम्हें अपनी ज़िन्दगी के फैसला लेने का पूरा हक़ है। तुम जो चाहे अपनी ज़िन्दगी में कर सकती हो,मैंंने कभी तुम्हें ऐसा करने सी रोका भी नहीं था।

इसके आलावा सबसे दुःख देने वाली बात थी, व्यवहार करना ।कम से कम इतना तो नालायक नहीं था, तुमने सबके के सामने मेरी बेज़ज़्ज़ती कर दी, तुमने सबके सामने मुझे इतने गंदे शब्द बोले, कम से कम इतना तो मैं गिरा हुआ नहीं था,वो भी बस एक नए लड़के के लिए,कम से कम अपने दोस्तों के सामने मुझे सम्मान तो दे देती, मेरा हाथ तो थाम लेती, मैं बहोत दूर से आया था, बहुत  थक गया था, बस एक गिलास पानी तो पूछ लेती, ये तो पूछ लेती कि मैंंने खाना खाया कि नहीं? इसके बावजूद मैंंने तुम्हारे लिए चोकलेट भिजवाई थी तुम्हारे हॉस्टल में, जब नीचे धूप में बैठा हुआ तुमहरा इंतज़ार कर रहा था,तुम जानती थी, मैं अपने काबू से बाहर चली जाता हूं जब बात तुम्हारी होती है,तुम जानती हो मुझे काबू में करना,तुम जानती थी मैं अपने ज़ज़्बातो में काबू नहीं कर पाता,क्यूंकि सब बर्बाद हो गया था ।उस समय तुमने मुझे धोखा दिया, मेरे ज़ज़्बातों से खिलवाड़ किया,मुझे बहुत दुःख हुआ, मेरे भी आँसू आए , क्यूंकि मैं तुम्हें बहुत प्यार करता था।  पर जब मुझे एहसास हुआ कि सच में तुम्हारी कमर मैं दर्द था, तो मैंंने सबके सामने तुमसे माफ़ी भी मांगी, पर तुमने मेरी एक न सुनी, और मुझे बेगानों के बीच अकेला कर दिया।बस एक बार सीने से लगा कर तो देखती, पता चलता कि मैं बस चीखता ही नहीं हूँ , तुमसे बेइन्ताह मोहब्ब्बत भी करता हूं , बस एक मेरा हाथ थाम तो लेती़।

आज कल कोई रिश्ता टूटना एक आम सी बात है, बस एक बार अपने सच्चे दिल से साफ़ साफ़ मुझे बोल  देती कि मुझे अब किसी और से प्यार है, यु पीछे से खंजर क्यों खोप दिया |

मैं सोचता हूं कि आपका पहला प्यार सच में आपका आखरी प्यार होता है, क्यूंकि ये एक बचपने की तरह होता है,जिसे आप अपनी ज़िन्दगी में कभी नहीं भुला सकते है,कोई भी परफेक्ट नहीं होता, ना मैं ना तुम, पर इसे परफेक्ट बनाता है मेरे तुम्हारे बीच का ये प्यार, मेरे तुम्हारे बीच का ये विश्वास। जो कि कहानी की सबसे जरुरी बात है। मेरे अंदर का विश्वास आज भी मुझसे पता नहीं  

क्यों ये कहता है तुम मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकती हो, मेरे आस पास के लोग , मेरे दोस्त मुझसे कहते हैं कि ये तेरा बस लाइफ का छोटा सा चैप्टर है,  एक बुरा सपना बना कर भूल जा, पर मेरे लिए ये कुछ ऐसा है जैसे सौ बार अच्छी बातें बताये जाने के बाद भी मैं उस एक झूठ के साथ अपनी पूरी ज़िन्दगी बिताना चाहूँगा।


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