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akhilesh kumar

Others

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akhilesh kumar

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वैलेंटाइन

वैलेंटाइन

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बाबा वैलेंटाइन चकर घिन्नी हैं। प्रेम ढाई अंश पर छप्पक छइयां कर रहा है। कामदेव के यहां से चुराकर लाए फूलों के बाण बेअसर हैं। वो सोलह साला लड़कियों के पहले प्रेम का लाइव देखने को उतावले हो रहे हैं। यही कि प्रेम की पहली दस्तक सोलहवें साल पे ही क्यों होती है। कत्थई आँखों वाली लड़की बता रही, साल तो सोलहवां ही है। प्रेम वह तीन साल पहले से कर रही है। प्रेम का उम्र से क्या ताल्लुक ? प्रेम तो पूजा है, जितनी जल्दी शुरू कर दो, उतनी ही बरकत। टीवी सीरियल नहीं देखते। नायिकाएं शादी के बाद भी प्रेम करती हैं। दो- दो बच्चों की माँ नयन मटक्का कर रही हैं। टीवी ने सोलहवें साल की जरूरत खत्म कर दी है। 

वैलेंटाइन बाबा प्रेम का सूत्र नहीं पकड़ पा रहे। वे फेसबुक पे प्रेम लड़ा रही बाला को पकड़ते हैं, फिल्म में तो हीरोइन सोलहवें साल में ही प्रेम करती हैं। किताबों में भी यही पढ़ा है। कॉलेज गोइंग ने लिपस्टिक दोहराई। इक लट को ऐंठ के उंगलियों से झटका, तुम्हें, प्रेम शास्त्री नहीं , किसी परचून की दुकान पर सेलखड़ी बेचने की नौकरी करनी चाहिए। हीरोइनें दस साल में सत्रह फिल्मों में काम करने के बाद भी सोलह साल की रहती हैं। हम क्यों गुमराह हों। हम तो अपने पैटर्न से प्रेम करेंगी।

प्रेम के इन तेवरों से पुराने प्रेमशास्त्रियों की घबराहट बड़ रही है। प्रेम का हर फ्रेम गफल

त में है। राधा कृष्ण की तर्ज पुरानी हो गई है। पुराने प्रेम शास्त्रियों की दुकान पे ताला लगने की नौबत है।

नये प्रेम शास्त्री टंगड़ी मार रहे हैं। वह प्रेम के बाजार पर कब्जे के लिए रोज नए फार्मूले ला रहे हैं। पुराने प्रेम शास्त्रियों की रोजी, रोटी पर संकट है। वैले बाबा ( वैलेंटाइन ) पिज़्ज़ा हट के बाहर प्रेमी के इन्तजार में खड़ी षोडसी से मुखातिब होते हैं, आप जिससे प्रेम करती हैं, उसी से शादी करेंगी। लड़की वैले बाबा को घसीटती है। अजीब बेवकूफ हो। बड़ी मुश्किल से प्रेम के लिए एमबीए बंदा पकड़ा है। हर नई मूवी वेब में दिखाता है। महंगे रेस्टोरेंट में डिनर के लिए ले जाता। तीज त्योहार जबरदस्त गिफ्ट देता है। ऐसे बन्दे से शादी कर लाइफ बर्बाद करनी है? शादी तो सपनों के शहजादे से करूंगी। लव मैरिज के बाद प्रेमी कहीं रुपए बहाते हैं।

प्रेम मतलब महंगे उपहार। प्रेम माने रेस्टोरेंट में डिनर। प्रेम माने वेब में नई पिक्चर। वैले बाबा की हालत खस्ता है। प्रेम अब प्रेम के लिए नहीं किया जाता। प्रेम फायदे के लिए किया जाता है। पुराने प्रेम शास्त्रियों के सम्मोहन फार्मूले, गंडा, ताबीज मुँह बिसूर रहे हैं। हां, वैले बाबा ने आज से दुकान का शटर खोल दिया है। चौदह फरवरी तक के लिए। लब्बोलुआब यह कि अब प्रेम के बाजार में ज्ञान नहीं ,सेल्समैन टिकता है।



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