टाॅफी
टाॅफी
"मम्मी ! देखो, पापा की शर्ट पर चींटियों की लाइन जा रही है"... साक्षी ने, दीवार पर लगे हैंगर पर टंगी हुई शर्ट की ओर इशारा करते हुए कहा.
" चींटियाँ ! कहाँ है चींटियाँ? , अरे ! सचमुच ये तो एक कतार से शर्ट की ओर जा रहीं हैं. ओह ! ये तो शर्ट की जेब पर इकट्ठी हो रहीं हैं."... मम्मी ने कहा
जैसे ही शर्ट को उतारकर देखा तो उसमें कुछ टाॅफियां रखीं थीं और चींटियों की फौज ने टाॅफियां पर हमला किया हुआ था.
" साक्षी, बहुत टाॅफियां खाने लगी थी और उसके दांत में कैविटी बनने लगी थी , जिसके कारण दांत में दर्द की शिकायत करती है, इसलिए मैंने उससे छुपाकर कुछ टाॅफियां शर्ट की जेब में रख दीं थीं लेकिन चींटियों ने सारा राज़ खोल दिया."... पापा ने बताया.
सब ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे.
" पापा, अब मैं समझ गयीं हूँ कि टाॅफियां खाने से दांत खराब हो जाते हैं इसलिए अब मैं ज्यादा टाॅफियां नहीं खाऊंगी इसलिए अब आपको छुपाकर रखने की ज़रूरत नहीं है."... साक्षी ने कहा।