सीख
सीख
शहर से काफ़ी दूर एक छोटे से गांव में एक वीर नाम का बालक अपनी दादी, मां और पिता के साथ खुशी खुशी रहता था। रोज रात को उसकी दादी उसे गोद में बैठा कर उसका माथा सहला कर कहानियां सुनाया करती थी।
एक दिन दादी ने वीर को सूपर हीरो की कहानी सुनाई, जिसमे वो अपनी अनोखी शक्तियों से लोगों की मदद करते हैं और बुरे लोगों को सबक सिखाते हैं। दादी ने ये भी बताया कि वे जहां कहीं भी बुरा होता है वहां अपने आप पहुंच जाते हैं।
इस पर वीर ने पूछा,"दादी, अगर ये हर जगह पहुंच जाते हैं तो हमें दिखते क्यों नहीं हैं? मेरी मदद करने भी नहीं आए कभी भी। मुझे देखना है, दादी, उन्हें, मुझे बचाने कब आयेंगे ? "
दादी मुस्कुरा कर बोली, " अरे मेरे भोले वीर, सूपर हीरो हमारे अंदर छुपा होता है, दिखता नहीं है। जब कभी भी बुरा होता है या कुछ गलत काम होता है तो हमारे अंदर के सूपर हीरो को हमें ही निकालना पड़ता है ताकि वह हमारी और दूसरो की मदद कर सके। हमारे अंदर बहुत सारी शक्ति है, हमें केवल उसको अच्छे काम में लगाना है। जैसे जैसे हम दूसरों की मदद करते हैं हमारी शक्तियां बढ़ती जाती हैं।"
देखते ही देखते वीर दादी की गोद में गहरी नींद में सो गया।
अब वीर को समझ आ गया था कि सूपर हीरो असल जिंदगी में होते ही नहीं हैं। सूपर हीरो वो लोग होते हैं जो दूसरो की मदद का इंतज़ार नहीं करते बल्कि स्वयं प्रयास करते हैं। जिंदगी में हर एक व्यक्ति सूपर हीरो बन सकता है अगर वह अपनी रक्षा करने के काबिल है।
दादी की इस सीख से वीर ने बड़े होकर बहुत लोगों की मदद की, और आज भी वे लोग वीर की प्रशंशा करते हैं, उसको सच्चा हीरो मानते हैं। दादी की एक सीख ने वीर के जिंदगी को देखने का नज़रिया ही बदल दिया।
