जैसे चाँद पर कुछ दाग़ थमे हैं... गुज़रे ज़माने से सीने की हलचल को समेट लूँ मुट्ठी में, और बंद कर दूँ बा... जैसे चाँद पर कुछ दाग़ थमे हैं... गुज़रे ज़माने से सीने की हलचल को समेट लूँ मुट्ठी म...