साधक की आत्म निष्ठा
साधक की आत्म निष्ठा
आफिस से लौटकर अजित घर में घुसा तो ड्राॅईंग रूम में कमोबेश वही रोज वाला माहौल था।
दस वर्षीय पुत्र शिवम सोफे पर अधलेटा टी वी पर कार्टून फिल्म देख रहा था और चारों तरफ पिज़्ज़ा के खाली डब्बे, कोल्ड ड्रिंक की बोतल, चाॅकलेट के रैपर, साॅस के पाउचेज़, कुछ फटे-चिथड़े खिलौने और किताबें बिखरी हुई थीं। उसका हमउम्र, काम वाली बाई का बेटा रजुआ वहीं जमीन पर बैठा उसी की कोई किताब उलटने पलटने में व्यस्त था।
अजित की समझ में आ गया कि सुबह पत्नी सुधा को दिया गया वो सारा लेक्चर व्यर्थ हो गया है कि अब हमें शिवम को सुधारने के लिये उसे साईकोलाॅजिकली ट्रीट करना होगा। उससे बातचीत करनी पड़ेगी और सही गलत का अंतर उसके मन में बैठाना होगा कि उसे अच्छे संस्कार मिलें। अब वो इतना छोटा बच्चा नहीं है कि उसकी गलतियों को नजरअंदाज किया जा सके पर डाँट फटकार से भी काम नहीं निकलेगा।
सुधा तो उसे देखते ही उठ कर चाय बनाने चली गई थी अतः सोंचा कि क्यों न वह स्वयं ही इस नेक काम का शुभारंभ कर दे। उसने प्यार से शिवम को उठाकर अपनी गोद में बिठाया और बातचीत शुरु करने के लिये जो टी वी को बंद किया तो शिवम हाथ पैर पटकने लगा।
"रुको न, मेरी बात तो सुनो बच्चे ..... थोड़ी देर बाद टी वी देख लेना। अभी हम लोग बात चीत करेंगें।
आज न, मेरे आफिस में एक बड़ी मजेदार बात हुई।"
शिवम की आँखो में थोड़ी उत्सुकता देख कर अजित ने आगे कहा......"रोहित अंकल का छोटा सा बेटा आज आफिस में आया था। उसने कहा वो बड़ा होकर गोरिल्ला बनना चाहता है..... सब लोग बहुत हँसे। अच्छा बताओ तुम बड़े होकर क्या बनोगे ?" "सलमान खान"..... शिवम ने कहा तो एकबारगी अजित थोड़ा हक्का बक्का सा रह गया पर बातचीत के क्रम को बनाए रखने के लिये उसने रजुआ से पूछा ...."तू बड़ा होके क्या बनेगा रे ?"
बड़ी गम्भीरता से उसने कहा "जज बनूँगा।"
मुश्किल से अपनी हँसी रोकते हुए अजित ने पूछा "मालूम भी है क्या होता है जज ?"
"हाँ ! २०४ नंबर की कोठी में जो खुराना बाबू रहते हैं वो जज हैं। इसके लिये पहले बारहवीं तक पढ़ना होता है फिर परीक्षा पास कर के वकील बना जाता है। अम्मा ने कहा है कि जब तक हम पढ़ेंगें वो हमको पढ़ाएगी और अगर हम खूब मन लगा कर पढ़ेंगें तो जज जरूर बन जाएँगें।"
हतप्रभ अजित उस नन्हे से चेहरे पर बिखरे आत्म विश्वास को देख रहा था और उधर, उसकी पकड़ ढीली होते ही शिवम ने जाकर फिर से टी वी स्टार्ट कर दिया था।
