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Komal Owhal

Children Stories Tragedy Inspirational

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Komal Owhal

Children Stories Tragedy Inspirational

प्यारी - छोटीसी निडर लडकी

प्यारी - छोटीसी निडर लडकी

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आज में कहानी आपको बताने जा रही हु,वो एक छोटी सी बच्ची की है। जिसका नाम है प्यारी,प्यारी 10 साल की है,रंग साँवला और भरपूर सुझबुझ से भरी। वैसे तोह प्यारी का नाम उसके दादी ने अंजना रखा था पर जैसे जैसे वो बड़ी हुई जिद्द से अपना नाम प्यारी रखने के लिए कहा,कहती थी अंजना बहोत पुराना नाम है,मुझे अपना नाम प्यारी रखना है क्योंकि में मुझे मेरे रंग की वजह से कोई प्यार नहीं करता,सब मुह मोड़ लेते है कोई बात करेंगे भी तो अजीब सा शक्ल बनाते है,प्यारी नाम रखेंगे तो उस नाम में ही प्यार है,इसी बहाने सबको प्यारी तोह लगूँगी में। बाते करना तोह मानो प्यारी का हुनर हो।

प्यारी के घर में उसकी माँ,पापा,छोटी बहन और 2 साल का एक छोटा भाई है। प्यारी की माँ लोगो के घर का काम करके घर चलाती है। सोमवार का दिन था प्यारी की माँ की तबियत अचानक से बहुत खराब हो गयी और काम पर जाना भी जरूरी था,तो प्यारी ने उसकी माँ को खाना बनाके दिया और दवाई दे कर सुला दिया और उसकी माँ की जगह पर काम करने चली गयी। प्यारी की मा सबसे पहले सुबह सुबह जोशी मैडम के वहा काम करती थी फिर पटेल मैडम के पास दिनभर बच्चा संभालने का काम करती थी क्योंकि वो दोनों पति पत्नी काम पर जाते थे। प्यारी उसके माँ के काम के बारे में सब जानती थी तो उसने वैसे ही काम करना शुरू किया। पहले वो जोशी मैडम के घर गयी उनको सुबह सुबह गर्म गर्म रोटियां चाइये होती है। जाते ही उन्होंने प्यारी को बहोत डाँट लगाई,प्यारी ने हँसते हुए कहा की "मौसी में छोटी हु लेकिन मुझे सब आता है अबसे कुछ दिन में ही आउंगी मा की तबियत बहोत खराब है,जैसे ही माँ ठीक होगी माँ ही आएँगी" तो जोशी मैडम ने कहा "ठीक है"। फिर प्यारी ने अपना काम निपटाके पटेल मैडम के यहा चली गयी।

दरवाजा बजाती है "ठाक ठाक। "

पटेल मैडम "कौन चाहिए तुम्हें ? और बेल क्यों नहींं बजायी ?" 

"Aunty,मै सविता की बेटी हु आपके यह काम करती है वो मेरी माँ है,कल रात से अचानक से बहुत बीमार है,जब तक वो ठीक नहीं होती में ही आपके यह काम करूँगी। " प्यारी बताती है।

राय मैडम को यह सुनकर एकदम से चौक जाती है सोचती है ये तो छोटीसी बच्ची है। अब क्या करूँ में?? ये कैसे कर पाएगी,बच्चे को इसके भरोसे कैसे छोड़के जाऊँ ?

उतने में ही प्यारी कहती है दीदी आप बेफिक्र होक जाइये मेरा छोटे भाई को में ही संभालती थी जब माँ दिनभर आपके यह होती थी। और देखना ये चोट लल्ला भी मेरे साथ बहोत अच्छेसे खेलेगा। इसपर पटेल मैडम कहती है बाते तो तू बहोत अच्छी करती है। पर क्या तुम्हे नहीं लगता आई इन सबके लिए अभी तुम छोटी हो। इसपर प्यारी कहती है।

"हाँ दीदी,छोटा पैकेट बड़ा धमाका हु में। "

पटेल मैडम - अच्छा चलो एक काम करती हु में आज और कल की छुट्टी लेती हु फिर देखते है क्या किया जाए।

प्यारी दिनभर बच्चे के पास ही रहती है उसको सुलाती भी है। बच्चा इतने अच्छेसे प्यारी के साथ खेल रहा होता है की जैसे मानो उसकी अपनी बड़ी बहन हो।

बच्चा सोजत है तो पटेल मैडम प्यारी के साथ गप्पे लड़ाने बैठती है। प्याडी से कहते है की प्यारी आपको पता है की 14 साल के अंदर किसी भी बच्चे को काम पर रखना गुनाह है। इसी लिए मुझे तुम्हारी फिक्र हो रही है। इस पर प्याडी कहती है,"दीदी हम गरीब है काम नहीं करेंगे तो खाएंगे क्या?माँ ही काम कर रही थी पर माँ की तबियत खराब हुआ तो माँ नहीं आ पा रही। और अगर ये काम चले गए तो हमारे घर में सब भूखे मर जाएंगे।

इसपर पटेल मैडम कहती है,"क्यो,तुम्हारे पापा नहीं कमाते?"

प्यारी- (आँख भर आयी)जब तक पापा कमाते थे कभी माँ कामपर नहीं गयी,हर दिन तीनो समय अन्न सुख से सारा परिवार मिलके खाते थे हम,किसी भी चीज़ की कमी नहीं थी। पर एक हादसे में मेरे पापा के दोनों पैर कट गए। और पापा को हमेशा के लिए घर बैठना पड़ा। वैसे घर बैठे पापा भी बहोत अच्छे अच्छे चित्र निकालते हैं। पर इसका कोई फायदा नहीं,उनकी इस कला को सराहते तो सब है पर उससे पैसे नहीं काम सकते ना। मेने देखा था एक रोज पापा माँ से बात कर रहे थे तब रो रहे थे। माँ से कह रहे थे की में किसी भी काम का नहीं हु मुझे ये जिंदगी व्यर्थ लगती है,ईन उनकी बाते सुनी तबसे मुझे स्थितियों को समझने की पहचान हुई।

"बचपने में ही मुझे बढतपन की समझदारी आ गई"

पटेल मैडम- तुम कोनसी कक्षा में हो?

प्यारी - में स्कूल नहीं जाती,हमारे पास इतने पैसे नहीं की में स्कूल जाऊ। माँ जो पैसे कमाती है उसमे दो वक्त का खाना भी मुश्किल से मिलता है। में पहले जाती थी दूसरी कक्षा तक ही पढ़ी हूँ। उसके बाद पापा का वो हादसा। सबकी जिंदगी हम बदल गया।

देखते देखते वक्त बित गया और प्यारी घर चली गयी।

दो दिन पटेल मैडम घर पर ही थी लेकिन उसके बाद उनको छुट्टी लेना मुश्किल हुआ तो वो अपने काम पर जाने लगे,प्याडी भी उनके बच्चे का बहोत खयाल रखती थी। कुछ दिन बित गए हमेशा की तरह प्यारी पटेल मेडम के घर कामपर आयी।

पटेल मैडम ने उसे कहा की चलो मुझे तुम्हारे घर ले चलो। प्यारी पहले थोड़ी डर गयी कहने लगी क्या हुआ दीदी क्या मुझसे कोई गलती हो गई?

पटेल मेडम - नहीं बेटा आप चलिए तो सही,आपकी माँ के हालचाल भी पूछ लू।  

प्यारी उसे अपने घर ले गईं। बहोत छोटासा कमर था उसमे 5-6 लोग रहते है ये देख कर उन्हें बुरा लगा। प्यारी के माँ के हाथों में उन्होंने उनकी सैलरी दी और उनसे कहा की अगर आप बुरा न माने तो आपसे कुछ बात करना चाहते है।

प्यारी की माँ - जी दीदी कहिये।

पटेल मेडम - "हम आपकी बेटी प्याडी को गोद लेना चाहते है। "

ये सुनकर सब हैरान राह गए। प्यारी की माँ को कुछ समझ नहीं आ रहा था की वो क्या कहे।

पटेल मैडम ने उन्हें समझाया की वो प्यारी को बहोत खुश रखेंगे उनको हमेशा से बेटी भी चाहिए थी लेकिन उनको 9 साल बाद लड़का हुआ और फिरसे वो गर्भवती नहीं रह सकती थी। प्यारी को वो हर चीज देंगी जिसके वो पात्र है। उसके असली घर वालो से भी मिलने के लिए कभी नहीं टोकेंगी। वो प्यारी को एक अच्छी जिंदगी देना चाहते है।

कुछ देर मौन के बाद प्यारी की माँ ने कहा- "में आपके कैसे एहसान चुकाउ समझ नहीं आ रहा। आप प्याडी को गोद ले सकती है। प्यारी को भी कोई आपत्ती नहीं थी।

लीगली प्यारी को गोद लिया गया। प्याडी को अच्छे स्कूल में भर्ती कराया,प्यारी के बहन और भाई का भी स्कूल में दाखिला करवाया। प्यारी की माँ को एक फैक्टरी में कामपर लगाया,प्यारी के पिताजी के चित्रो को exhibition के लिए लगाया जिससे की उनके पूरे परिवार की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार आया।

पटेल मैडम ने उनकी जिंदगी नए सिरे से शुरू की,प्यारी लल्ला को भी सगी बहन से ज्यादा प्यार दे रही थी। लल्ला भी बहोत खुश था।

"कुछ साल बित गए"

प्यारी 12 वीं कक्षा फर्स्ट क्लास से पार की उसके बाद प्यारी ने डॉक्टर की डिग्री के लिए दूसरे राज्य में चली गयी।


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