मिट्टी
मिट्टी
1 min
160
आज जिसका कौड़ियों का भाव नहीं,
कल वो तुम्हारा भाव लगाएगा ।।
मिट्टी वो सोना है जिसे खो कर,
तू खुद भी खो जायेगा ।।
बंजर हो ज़मी,
तू सब बना लेगा ए इंसान,
मिट्टी कहाँ से लाएगा ।।
क्या है यहां,
जो बिन मिट्टी हो जिंदा,
किस बगिया से अपनी जरूरतें जुटाएगा ?
बन जा खुदा आज तू मिट्टी का,
ताकि खुद को कल जिंदा देख पाएगा ।।
