Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win
Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win

priya gupta

Others

2  

priya gupta

Others

मैंने देखा है

मैंने देखा है

2 mins
68


लोग लफ्ज़ों को तो सुन लेते है, लोग बातों को भी सुन लेते है, पर खामोशी की उनको भनक भी नहीं लगती। मैंने उस चुप्पी को दुःख, परेशान, और उदास देखा है, जो कुछ कह नहीं पाते, मैंने इंसान के इस बढ़ती हुईं कमी को देखा है। कुछ लोग ऐसे होते है जो कि, अपने मतलब के लिए हाथ मिलाते है फिर वो 2-4-10 दिन साथ निभाते है और फिर मतलब पूरा होते ही अपना दोनों हाथ छुड़ा लेते है, और फिर वो दूसरे की तरफ हाथ बढ़ाएंगे, बातें बड़ी-बड़ी सुनाएंगे, वो थोड़े पल के लिए अपनी तारीफ़ पाएंगे, मैंने ऐसे लोगो को नीचे गिरते देखा है।

मां- पापा, दादा- दादी, चाचा- चाची, भाई- बहन ये सब रिश्ते जब पास होते है तो ज्यादा "रास" नहीं आते है। हम उनसे वो हमसे रोज कितना लड़ते- झगड़ते है हर एक बात के लिए एक दूसरे को कितना कुछ कह जाते है। हर छोटी छोटी बात के लिए सच में, आपस में उल्टे सीधे नाम से चिढ़ाते हैं

ये सब शायद बहुतों के साथ होता है। बस क्योंकि ये रिश्ते हमारे साथ में रहते है। लेकिन कब क्या हो जाए वक्त को, हम सब में से कोई नहीं जानता 

जब कोई अपना ख़ास हमें छोड़ चाँद के पास चला जाता है। इस बुरे वक्त को हमने बहुत पास से देखा है।


और तो कुछ जानबूझ कर परिवार को खो बैठते है, लेकिन बाद में ऐसे लोगो को, परिवार की सच्ची अहमियत जान करके पछताते हुए देखा है। सच में जिन्दगी के काफी पड़ाव से निकली मैं, कितना सब कुछ बदलता देखा है। कितने साथी बदलते गये, कितने लोग बदलते गए, कितना कुछ जो हमेशा के लिए लगता था अपना, मैंने उसे पल भर में ख़तम होते देखा है। मैंने इस संकट की घड़ी में मजबूर गरीबों को रोते बिलखते देखा है, अच्छे को बुरा होते देखा है, बुरे जो अच्छा होते देखा है। गैरों को अपना और अपनों को गैर बनता देखा है, हमने खुद इन सबसे बहुत कुछ सीखा है, मैंने खुद को नासमझ से समझदार बनते देखा है, मैंने हँसती खेलती जिंदगी में बहुत कुछ देखा है।



Rate this content
Log in