मासूम संस्कार
मासूम संस्कार
19 वर्षीय मासूम से चेहरे वाली लड़की ने एक पत्र मुझे पकड़ाते हुए कहा, सर कृपया इसको आप अकेले में पढ़िएगा। मैंने सोचते हुए, सिर हिलाकर हां में जवाब दिया। जब मैंने पत्र अकेले में पढ़ना शुरू किया तो उसमें लिखा था
सर आप मुझे बहुत अच्छे लगते हो,
मन करता है बस आप ही के साथ रह जाऊं,
सर पिछले तीन महीने से ये बात में आपको नहीं बोल पा रही थी,
पर सर आपका हर अंदाज मुझे बहुत पसंद है, इसलिए बिना बोले रह भी नहीं सकी,
सर मुझे गलत न समझें, बस आपको में पसंद करती हूं…
अगले दिन
मैंने उस लड़की से पूछा कि तुम्हारे पिता जी क्या करते हैं ?
उसने कहा मेरे पिता जी किसान हैं, मैंने उसके पिता जी से मिलकर उस पत्र के बारे में उन्हें बताया। तो उसके पिता ने मेरे पैर पकड़ते हुए कहा कि गुरु जी ये पत्र मैंने ही लिखा था। मेरी बिटिया (बेटी) आपके बारे में हर रोज आपकी प्रशंसा करती थी, तो मैंने ही कहा था, कि ये बात अपने गुरु को भी बता देना। मन में मत रखना बिटिया। आश्चर्य तो था ही, साथ ही यह बात सुनकर मेरी आंखें भर गई ।
कितना साफ था उस परिवार का मासूम संस्कार।
