लॉक-डाउन और प्रकृति
लॉक-डाउन और प्रकृति

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शहरों में भी,
भ्रमरों के गुंजार सुनाई देते हैं,
डाल-डाल पर चहक रहे,
खग-वृंदों के गान सुनाई देते हैं।
लहरें तट को चूम रही हैं,
नभ दूर, साफ दिखाई देते हैं।
पशु-पक्षी, पौधे बतियाते,
सुर सात सुनाई देते हैं।
जब से मानव क़ैद हुआ,
सब खुशहाल दिखाई देते हैं।