Vivek Pandey

Others

4.3  

Vivek Pandey

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लॉक-डाउन और प्रकृति

लॉक-डाउन और प्रकृति

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शहरों में भी,

भ्रमरों के गुंजार सुनाई देते हैं,

डाल-डाल पर चहक रहे,

खग-वृंदों के गान सुनाई देते हैं।

लहरें तट को चूम रही हैं,

नभ दूर, साफ दिखाई देते हैं।

पशु-पक्षी, पौधे बतियाते,

सुर सात सुनाई देते हैं।

जब से मानव क़ैद हुआ,

सब खुशहाल दिखाई देते हैं।


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