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Dileep Agnihotri

Children Stories

4  

Dileep Agnihotri

Children Stories

ख्वाब

ख्वाब

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ख्वाब कुछ ऐसे दिल में जगे हैं 

खुद से लड़ने को जी चाहता है 

इतनी मेहनत करूंगा जहां में

 मिटने मरने को जी चाहता है


प्यार मां-बाप का साथ मेरे 

रिश्तेदारों के सारी उम्मीदें 

एक दिन नाम कर देगा रोशन 

जिंदगी शान से हम भी जी लें

ऐसे चर्चे मेरे कुछ उठे हैं 

ख्वाब कुछ ऐसे दिल में जगे है 


टीस दिल में उठी एक ऐसी 

हो गई नींद भी ऐसी वैसी 

रब मेरे एक अरदास सुनना 

मेरे ख्वाबों को बस पूरा करना 

कर भरोसा ये सब कह रहे हैं 

सोचकर हम भी खुश हो रहे हैं 

ख्वाब कुछ ऐसे दिल में जगे हैं 

खुद से लड़ने को जी चाहता है।


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