हरि शंकर गोयल

Others

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हरि शंकर गोयल

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झूठा सच

झूठा सच

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आज खबरीलाल जी टीवी पर चीख चीख कर बता रही थे कि देखिए ये शेर कितना हिंसक है । बताया चारे भोले भाले जानवरों का शिकार करता है । आखिर इन छोटे जानवरों के कोई मानवाधिकार हैं या नहीं ? अगर शेर जंगल का राजा हो गया तो क्या उसे किसी भी जानवर को मारने का अधिकार मिल गया ? हम तो कब से कह रहे हैं कि यह शेर अलोकतांत्रिक है , हिंसक है , हत्यारा है । इसने बोलने की आजादी भी खत्म कर दी है । आज मैं इसका प्रमाण दे रहा हूं । 

और यह कहकर खबरीलाल ने एक वीडियो सार्वजनिक कर दिया । लगभग एक मिनट चालीस सैकंड का वीडियो था वह । उस वीडियो में बताया गया था कि एक बाघ एक कुत्ते को मारकर उसे घसीट रहा है और एक पैंथर उस कुत्ते को लात मार रहा है । 


इस वीडियो को दिखाते हुए खबरीलाल अपने चैनल के "क्राइम टाइम" में जोर जोर से चीख कर सवाल पूछ कर कह रहा था "आखिर क्या कसूर था इस कुत्ते का ? इस कुत्ते को शेर ने बाघ के हाथों क्यों मरवाया ? दरअसल यह शेर कुत्तों को पसंद ही नहीं करता है । इसलिए वह इन कुत्तों को मरवाने का काम करता है । शेर का तो इतिहास कुत्तों को मरवाने से भरा पड़ा है । और तो और शेर का पिठ्ठू पैंथर उस कुत्ते के मृत शरीर को लात मार रहा है । यह तो शव का अपमान है । एक शेर का ऐसा नीच कार्य मानवता के विरुद्ध किया गया कार्य है । शेर को इसका जिममेदार ठहराया जाना चाहिए और उस कुत्ते के परिजनों को मुआवजा , नौकरी और बहुत सी सुविधाएं दी जानी चाहिए । इसके अलावा यदि ये कुत्ते किसी दूसरे जंगल के भी हैं तो भी इनको इस जंगल से नहीं भगाना चाहिए" । 


उस खबर को चलाकर खबरीलाल के होठों पर बड़ी कुटिल मुस्कान खेल गई । जब कभी भी खबरीलाल ऐसी स्टोरी चलाता है तब तब उसके होठों पर ऐसी ही कुटिल मुस्कान तैरती रहती है । उसकी आंखों कि चमक और बढ़ जाती है । 

दरअसल खबरीलाल को पता है कि उसे इस प्रकार की स्टोरी चलाने के लिये ही उस चैनल ने उसे रखा है । यह कोई पहला मामला नहीं था जिसमें खबरीलाल ने शेर को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की हो । पिछले बीस सालों से वह यही करता आ रहा है लेकिन शेर जनता में बदनाम होने के बजाय और ज्यादा प्रसिद्ध हो रहा है । उसकी प्रसिद्धि के कारण खबरीलाल का अंग विशेष और सुलग जाता है । खबरीलाल पहले से भी और तीखी स्टोरी लेकर आता है और फिर मुंह की खाता है ।


 पिछले बीस सालों से शेर यह सब देखता आ रहा है । वह जानता है कि उसे जो करना है , वह करके रहेगा । खबरीलाल जैसे सैकडों लोग पिछले बीस साल से अपना एजेंडा , प्रोपैगेंडा सब चला रहे हैं । जनता इनकी खबरों को या तो देखती ही नहीं या देखकर भी नोटिस नहीं करती है । इसलिए सारे खबरीलाल खिसियानी बिल्ली की तरह खंभा नोंच रहे हैं । 


जैसे ही यह वीडियो चर्चा में आया , कोहराम मच गया । लोग आगबबूला हो गये । जनता में कुत्ते के प्रति सुहानुभूति और शेर के प्रति आक्रोश बढता जा रहा था । लोग शेर , बाघ और पैंथर को बुरा भला कहने लगे । मानवाधिकारों की दुहाई दी जाने लगी । शेर को क्रूर , हिंसक और न जाने क्या क्या कहने लगे । वीडियो को झूठा भी नहीं कहा जा सकता था । इसलिए कोहराम मचना स्वाभाविक था । 


हम खबरीलाल को अच्छी तरह जानते हैं । "चोर चोरी से जाये लेकिन हेराफेरी से नहीं जाये " यह कहावत खबरीलाल पर फिट बैठती थी । हमें दाल में कुछ काला दिखाई दिया । वैसे खबरीलाल की ये खासियत है कि वह खबरों को इस तरह से प्रस्तुत करता था कि हर बार शेर ही कटघरे में खड़ा दिखाई देता था मगर जब सही और पूरी खबर पता चलती तो तुरंत महसूस हो जाता था कि वह एजेंडा के तहत चलाई गई खबर थी । इसलिए भी उस पर विश्वास नहीं किया जा सकता था । मगर वीडियो ? उसका कोई क्या करे ?  


खबर की हकीकत जानने के लिए हमने सुंदर नामक जंगल में कदम रखा । इस जंगल में पड़ोस के जंगल से बहुत सारे कुत्ते आकर अवैध रूप से बस गये थे । सुंदर जंगल का एक बहुत बडा भू भाग हथिया लिया था इन कुत्तों ने । ये कुत्ते बहुत ही हिंसक थे । सुंदर जंगल के भोले भाले जानवर जैसे गाय , बकरी , भेड़ , हिरन को मारकर खा जाते थे । सुंदर जंगल के सभी जानवर इन कुत्तों से बहुत परेशान थे लेकिन कुछ कर नहीं पाते थे । जंगल के गिद्ध , सियार , गीदड़ इन कुत्तों के पक्ष में खुलकर आ गये थे । ऐसी हालत में शेर अगर कुछ करने की कोशिश करता तो ये सभी गिद्ध , सियार , लोमड़ी , बिल्ली सब इकठ्ठे होकर शेर पर टूट पडते थे और खबरीलाल जैसे लोग इसकी स्टोरी बना बनाकर शेर को बदनाम करते थे । 


चूंकि शेर तो शेर था । उसने जंगल की हिफाजत के लिये बाघों की एक टीम बनाई । उसे इन कुत्तों को वहां से खदेडने का जिम्मा सौंप दिया । साथ में बाघों को ताकीद भी कर दी कि इन कुत्तों को भगाने की कार्यवाही की वीडियो ग्राफी की जाये । क्योंकि इस जंगल के बहुत से जानवर हर बात का सबूत मांगते हैं । इसलिए बाघों ने पैंथर को वीडियोग्राफी का जिम्मा दे दिया । 


बाघों की टीम इन कुत्तों को जंगल से भगाने का काम करने लगी । पैंथर वीडियोग्राफी करने लगा । कुत्ते तो अब तकयह समझने लग गये थे कि यह जंगल उनका है और यहां के रहवासी गाय , बकरी , भेड़ वगेरह जानवर विदेशी हैं । इन जानवरों को मारकर खाने का उनका जन्मसिद्ध अधिकार है । वे यह मानने को कतई तैयार नहीं थे कि यह जंगल इन जानवरों का है और वे वहां पर अवैध रूप से रह रहे हैं । 


इन कुत्तों ने बाघों और पैंथर पर हमला कर दिया । हजारों की संख्या में कुत्ते टूट पड़े । इस भयंकर हमले को देखकर बाघों की टीम और पैंथर के छक्के छूट गये । बाघ इस हमले से बुरी तरह जख्मी हो गये । तब बाघों को याद आया कि वे तो बाघ हैं वे कुत्तों से क्यों डर रहे हैं । तब बाघ मोर्चे पर डट गये । तब कुत्तों ने पैंथर को घेर लिया और उसे मारने लगे । बाघों ने कई बार कुत्तों को चेतावनी भी दी कि वे पैथर को छोड़ दें लेकिन कुत्ते तो कुत्ते थे । वे अब तक ऐसा ही करते आये थे । उन्होंने पैथर को बुरी तरह से काटना शुरू कर दिया । 


तब बाघों को भयंकर गुस्सा आया और उन्होंने कुत्तों पर भयानक हमला किया । कुत्ते भाग खड़े हुये । एक दो कुत्ते पकड़ में आ गये जिन्हें बाघों ने मार डाला । चूंकि पैंथर भी बुरी तरह से जख्मी हो गया था इसलिए उसने भी अपनी भड़ास निकाली । बस, खबरीलाल ने इसी भड़ास वाली घटना का वीडियो बनाकर चैनल पर अपलोड कर दिया और अपने चिर परिचित लहजे में अपने एजैंडे के तहत यह खूबसूरत स्टोरी बनाकर चला दी । 


मगर शेर तो शेर है । उसने इस एजेंडे की हवा निकाल दी । कुत्तों को भगाने का कार्यक्रम बदस्तूर रहने की घोषणा कर दी । सारे खबरीलाल , गिद्ध , लोमडी , सियार , बिल्ली अभी तक सकते में पड़े हैं । ये खबरीलाल बरसों से जनता को झूठा सच दिखाते आ रहे हैं । मगर अब सोशल मीडिया के कारण इनकी दाल गल नहीं पा रही है । 



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