Jagruti Pandya

Children Stories

4.3  

Jagruti Pandya

Children Stories

जादुई घड़ी

जादुई घड़ी

4 mins
323


        

पीहू  बहोत  प्यारा लड़का था। पढ़ाई में नंबर वन। पाठशाला में सभी टीचर्स की बात मानता था। ध्यान से टीचर्स का कहना सुनकर, टीचर्स जो बताते वो सारा काम अच्छी तरह से करता था। इसलिए पीहू सभी का प्यारा था। घरमेें भी इस तरह ही रहता था। मम्मी पापा उसे बहुत प्यार करते थे। लेकिन पीहू छोटा था, इसलिए पीहू को उसकी मां हररोज सुबह सबसे लास्ट में जगाती थी। पीहू जागकर फटाफट तैयार हो जाता था और स्कूल चला जाता था। पीहू को स्कूल जाना बहुत अच्छा लगता था।


एकबार पीहू गर्मी की छुट्टियों में अपनी नानी के यहां थोड़े दिन रहने के लिए गया। नानी का भी प्यारा था पीहू। नानी के यहां खेतों में खेलना अच्छा लगता था। नानी हररोज मंदिर जाती थी। हररोज पीहू के लिए प्रसाद लेकर आती थी। पीहू को ये मीठा प्रसाद बेहद पसंद था।  एकदिन पीहू ने नानी से पूछा, " नानी ! आप हररोज ये कहां से लाती हों। " 


नानी ने बताया , " बेटा ! में हररोज  सुबह मंदिर  जाती हूं, वहां से तेरे लिए ये प्रसाद लाती हूं।" 


पीहू बोला , " नानी मुझे ये प्रसाद बेहद पसंद है। में भी हररोज आपके साथ आऊंगा और ज्यादा प्रसाद खाऊंगा। " 


नानी ने बताया , " जरूर बेटा । लेकिन में सुबह पांच बजे मंदिर जाने के लिए उठती हूँ । अगर तुझे आना है तो तूजे भी सुबह पांच बजे  जाग जाना  चाहिए।" 


नानी की बात सुनकर पीहू सोच में पड़ गया। 


नानी बोली , " बताओ पीहू ! क्या हुआ ? क्यू सोच में पड़ गया ?" 


पीहू ने बताया , " नानी में इतना जल्दी नही उठ पाता। में तो हररोज लेट उठता हूं। में सुबह जल्दी नहीं  जागा तो मैं कैसे मंदिर जा पाऊंगा और मुझे ज्यादा प्रसाद भी नहीं मिलेगा ।" 


नानी ने बताया, " बस , इतनी सी बात ? बेटा तुझे सुबह जल्दी उठना है ? तो , मेरे पास एक जादुई घड़ी है। में भी इस घड़ी की मदद से ही जल्दी उठ पाती हूं। " 


पीहू बोला , " नानी मुझे एसी घड़ी चलाना नही आता। " 


नानी ने बताया, " बेटा , इसमें कोई कठिन बात नहीं है। तूझे तो सिर्फ ये जादुई घड़ी के सामने आंखे बंद करके, दोनो हाथों जोड़कर ये जादुई घड़ी को बताना है कि मुझे कल पांच बजे जगाना । "


पीहू बोला , " बस , इतना ही ? " 


नानी ने बताया हा, बेटा।


उस रात पीहू को अपनी नानी ने जादुई घड़ी दी। रात होने पर पीहू उस घड़ी को सामने रखकर , आंखे बंद करके दोनो हाथों से नमन करके बोला, "  हे जादुई घड़ी ! कल मुझे सुबह पांच बजे जगाना। मुझे नानी के साथ मंदिर जाना है "


दूसरे दिन पीहू पांच बजे जाग गया। पीहू के चहेरे पर बहुत खुशी दिखाए रही थी। पीहू जल्दी से तैयार हो गया और अपनी नानी के साथ मंदिर गया। अब ये पीहू का नित्यक्रम हो गया था। पीहू हररोज जादुई घड़ी को बोलकर सोता था। सुबह पांच बजे जाग जाता था।


उतने में गर्मिकी छुट्टियां खत्म होने को आई। अब पीहू को अपने घर जाने का वक्त आ गया। 


घर जाने के अगले दिन पीहू उदास बैठा था। नानी ने देखा। 


नानी ने पूछा, "  क्या हुआ पीहू ? क्यूं इतना उदास बैठा है? 


पीहू ने बताया , " नानी मां कल में मेरे घर चला जाऊंगा।  यहां रोज सुबह पांच बजे में जागता था। ये जादुई घड़ी की वजह से। मेरे घर ऐसी जादुई घड़ी नहीं है। मुझे अब रोज सुबह जल्दी उठना अच्छा लगता है। सुबह सुबह की ठंडी हवा और पंछी की आवाज मुझे बहुत पसंद हैं। मैं घर जाकर भी सुबह जल्दी उठना चाहता हूं। लेकिन मेरे घर एसी घड़ी नहीं है।"


नानी ने बताया , " बेटा , एसी कोई जादुई घड़ी - बड़ी नहीं है। ये जादू तो सभी के पास ही है। हरेक व्यक्ति के पास अपने मन की शक्ती  होती है। मन की शक्ति ही हरेक को सफलता दिलाने में मदद करती हैं। इसलिए बेटा , कल से तुम हररोज रात को अपने मन को बताकर सो जाना  कि, मुझे कल पांच बजे जगाना। तु जरूर जाग जायेगा। बेटा, हमारे पास ये मन की शक्ति है जिसे हम सबकुछ  हांसिल कर सकते है। हमारी हर मनोकामना पूरी कर सकते है।  मन ही हमारी ताकत है। मन ही हमारा कल्पवृक्ष है, मन ही हमारी कामधेनु है और मन ही हमारी जादुई घड़ी है।"


पीहू नानी मां की बातें सुनकर बहोत खुश हुआ। और मनोमन संकल्प किया, की में हररोज सुबह पांच बजे जाग जाऊंगा। पीहू एक अनोखी ताकत से भर गया। 


घर जाकर अपने माता पिता को सारी बात बताई। माता पिता ने भी पीहू में आया बदलाव दिखाई दे रहा था। सभी खुश थे। 


तो,,, बच्चों , आपको भी ये मन की शक्ति वाली बात समझ  में आई ना ? आप भी मन की शक्ति का उपयोग करके आपका ये अमूल्य जीवन अच्छी तरह से जी सकते है। लेकिन हा , इसके लिए आपकी इच्छाशक्ति भी दृढ़ होनी चाहिए।

तो ,,, हो जाओ तैयार !


सबकुछ हासिल करने के लिए ! 


                        

                                                          


          


Rate this content
Log in