nitin pandey

Children Stories

1.8  

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गरीबी

गरीबी

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एक गांव जिसका नाम धरमपुर था वहाँ रोहन नाम का लड़का रहता था। रोहन के पिता का नाम रमेश था उसकी माता का नाम रामदुलारी था। उसके पिता जी मजदूर थे एक दिन रोहन जब स्कूल गया था जब लंच होता है वह अपना टिफिन खोलता तभी सभी बच्चे उस पे हँसने लगते है, क्योंकि उसके टिफिन में आटा का हलवा था। कौन माता पिता अपने बच्चे को आटा का हलवा खिलाना चाहेंगे पर गरीबी क्या कुछ नहीं करवाती रोहन बहुत दुखी होता है और एक कोने में बैठकर अपना टिफिन खाने लगता है। वहीं पे हिंदी के शिक्षक श्री रमन सिंह खड़े होकर ये सब देख रहे थे दूसरे बच्चों का इस तरह का व्यवहार देखकर उन्हें बहुत बुरा लगता है। वो रोहन के पास आते है और कहते है अरे वाह आटा का हलवा ये तो मेरा पसंदीदा है रोहन कहता है सच में और वो दोनों बैठकर मजे से हलवा खाते है।  


शिक्षा = हमें किसी को अहसास नहीं होने देना चाहिए की वो गरीब है।  


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